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स्टेशन पर विदा / अशोक वाजपेयी
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तू अपना यौवन, अपनी हँसी
मेरे पास छोड़ गई
और तुझे ले गई
कोयले और पानी से चलती एक रेलगाड़ी।
रचनाकाल : 1961