भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ! / हरिवंशराय बच्चन

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:58, 29 सितम्बर 2009 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!


वृक्ष हों भले खड़े,

हों घने, हों बड़े,

एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत!

अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!


तू न थकेगा कभी!

तू न थमेगा कभी!

तू न मुड़ेगा कभी!-कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ!

अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!


यह महान दृश्‍य है-

चल रहा मनुष्‍य है

अश्रु-स्वेद-रक्‍त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!

अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!