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आस्था-3 / राजीव रंजन प्रसाद
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आस्था -३
सपना ही तो टूटा है
मौत ही तो आई है मुझे
जी नहीं पाओगे तुम लेकिन
इतनी तो आस्था है तुम्हे
मुझपर..