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बाल पहेलियाँ-4 / दीनदयाल शर्मा
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१.
मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारा
सभी जगह सम्मान यह पाए ।
पतली सी है काया जिसकी,
जलती हुई महक फैलाए ।
२.
अलग - अलग रहती है दोनों
नाम एक सा प्यारा
एक महक फैलाए जग में,
दूजी करे उजियारा ।
३.
दिन-रात मैं चलती रहती,
ना लेती थकने का नाम ।
जब भी पूछो समय बताती,
देती बढ़ने का पैगाम ।
४.
जैसे हो तुम दिखोगे वैसे
मेरे भीतर झाँको,
झट से दे दो उत्तर इसका
खुद को कम ना आँको ।
५.
तमिलनाडु, दक्षिण भारत के
वैज्ञानिक ने किया कमाल ।
अग्नि और पृथ्वी मिसाइल
जिनकी देखो ठोस मिसाल ।
उत्तर :
१. अगरबत्ती
२. धूप
३. घड़ी
४. दर्पण
५. डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल क़लाम