Last modified on 5 नवम्बर 2009, at 00:15

हँसो एक बच्चे की तरह / अमिता प्रजापति

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:15, 5 नवम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम प्यार को पृथ्वी
मान कर
मत घूमो हर्क्यूलिस की तरह
मत झुकाओ इसके वज़न से
अपनी गर्दन
धीरे से सरका के इसे
गिरा लो अपने पैरों में
उछालो गेंद की तरह
हँसो एक बच्चे की तरह...