Last modified on 5 नवम्बर 2009, at 12:56

सूर्य-ग्रहण : 2 / अरुण कमल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:56, 5 नवम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

धीरे-धीरे हो गया सर्वग्रास
पर एक काला गोल पिण्ड
रहा दीप्त
विराजता पूरे आकाश में--
ग्रहण के बावजूद सूर्य ही रहा सूर्य
ग्रहण के बावजूद सूर्य ही होता है सूर्य !