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तिरे प्यार का नाम / अली सरदार जाफ़री
Kavita Kosh से
दिल पे जब होती है यादों की सुनहरी बारिश
सारे बीते हुए लम्हों के कँअवल खिलते हैं
फैल जाती है तिरे हर्फ़े-वफ़ा की ख़ुशबू
कोई कहता है मगर रूह की गहराई से
शिद्दते-तश्नःलबी१ भी है तिरे प्यार का नाम
१.प्यास की तिव्रता