Last modified on 8 नवम्बर 2009, at 20:07

इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँ / फ़राज़

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:07, 8 नवम्बर 2009 का अवतरण

इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ

तू भी हीरे से बन गया पत्थर
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ

हम भी मजबूरियों का उज़्र करें
फिर कहीं और मुब्तिला हो जाएँ

अब के गर तू मिले तो हम तुझसे
ऐसे लिपटें तेरी क़बा हो जाएँ
(क़बा=ड्रेस)

बंदगी हमने छोड़ दी फ़राज़
क्या करें लोग जब खुदा हो जाएँ