... और उसके बच्चे
द्वार तक आकर कँपकँपाती है
पवन, ठिठक जाता है प्रभात
वे प्रार्थना की तरह
सो रहे हैं, वह प्रार्थना
की तरह हो रही है
... और उसके बच्चे
द्वार तक आकर कँपकँपाती है
पवन, ठिठक जाता है प्रभात
वे प्रार्थना की तरह
सो रहे हैं, वह प्रार्थना
की तरह हो रही है