कहते हैं
आज भी जीवित है
बोधिवृक्ष
खड़ा है वैसे ही
सदियों के बाद भी
हम-तुम
रहेंगे-न रहेंगे
हमारा प्रेम रहेगा
बोधिवृक्ष की तरह।
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा
कहते हैं
आज भी जीवित है
बोधिवृक्ष
खड़ा है वैसे ही
सदियों के बाद भी
हम-तुम
रहेंगे-न रहेंगे
हमारा प्रेम रहेगा
बोधिवृक्ष की तरह।
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा