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मनुष्य के लिए / जया जादवानी

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अगर मैं उठा लूँ
तेज़ गति से दौड़ते हुए
पथ्वी पर गिरा एक तिनका
तो मैं रच सकती हूँ
एक अनश्वर कविता
मनुष्य के लिए...।