Last modified on 20 नवम्बर 2009, at 21:49

आँख और कान / रामधारी सिंह "दिनकर"

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:49, 20 नवम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामधारी सिंह "दिनकर" |संग्रह=नये सुभाषित / रामधा…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

देख रहे हो जो कुछ उसमें भी सब का मत विश्वास करो,
सुनी हुई बातें तो केवल गूँज हवा की होती हैं।