Last modified on 29 नवम्बर 2009, at 20:36

उस फूल का नाम / आभा

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:36, 29 नवम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आभा |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <Poem> मेरी तकदीर पर वाहवाही ल…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेरी तकदीर पर
वाहवाही
लूटते हैं लोग

पर अपने घ्रर में ही
घूमती परछाई
बनती जा रही मैं

मैं ढूंढ रही पुरानी ख़ुशी
पर मिलती हैं
तोडती लहरें
ख़ुद से सुगंध भी आती है एक

पर
उस फूल का नाम
भ्रम ही रहा
मेरे लिए।