भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अयोध्या-1 / सुधीर सक्सेना
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:13, 12 दिसम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर सक्सेना |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> सुन्दर नदी ह…)
सुन्दर नदी है सरयू
नदी सदानीरा
सरयू में तैरती हैं नावें
सरयू में तैरती हैं मछलियाँ
सरयू में अभी भी तैरते हैं कच्छप
सरयू में तैरती हैं स्मृतियाँ
सरयू में तैरते हैं सपने
सरयू में फूलों के साथ-साथ इन दिनों
लहरों पर उतराती है उदासी