भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अयोध्या-6 / सुधीर सक्सेना
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:46, 12 दिसम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर सक्सेना |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> जहाँ राम नही…)
जहाँ राम नहीं
वहाँ अयोध्या नहीं
न कहीं राम के बिना अयोध्या
और न कहीं अयोध्या के बिना राम
राम के होने से ही अवधपुरी अति परम सुहावन और
राम के न होने से पावन सुषमा से हीन
जहाँ-जहाँ राम का वास
वहाँ-वहाँ अयोध्या
आज भी जहाँ पर भी है राम
बस, वहीं पर बसी है परम पावन अयोध्या ।