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एक अम्लान सूर्य होता है / विनोद तिवारी

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KKCatGhazal


एक अम्लान सूर्य होता है
सत्य पर आवरण नहीं होता

लोग कुछ इस तरह भी जीते हैं
मौत से भी मरण नहीं होता

उम्र यूँसौ बरस की होती है
एक पर अपना क्षण नहीं होता

सुख तो सब लोग बाँट लेते हैं
दुख का हस्तांतरण नहीं होता

लोग सीता की बात करते हैं
राम-सा आचरण नहीं होता

दीख भर जाए कोई काँचन मृग
लोभ का संवरण नहीं होता