भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भूख से बेहाल प्यासा हर प्रदेश / विनोद तिवारी
Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:57, 17 दिसम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद तिवारी |संग्रह=दर्द बस्ती का / विनोद तिवार…)
भूख से बेहाल प्यासा हर प्रदेश
फिर भी जीवित आस्था है हर प्रदेश
गाँव में साहित्य के कुछ शोध-छात्र
ढूँढते हैं गीत के भग्नावशेष
आँकड़े ही आँकड़े हर क्षेत्र में
जन्म-दर हो या कि हो पूंजी-निवेश
वो वही दफ़्तर है जन-कल्याण का
द्वार पर जिसके लिखा ‘वर्जित प्रवेश’