बही गूँजती पगवाहट आली-सा
और भीतर के संसार में
कुछ बजता-सा...
मन की हरी टहनी हिलाकर कहता हूँ
कि तुम आई हो-
हवा के ठंडे झोंके की तरह!
बही गूँजती पगवाहट आली-सा
और भीतर के संसार में
कुछ बजता-सा...
मन की हरी टहनी हिलाकर कहता हूँ
कि तुम आई हो-
हवा के ठंडे झोंके की तरह!