Last modified on 9 जनवरी 2010, at 22:33

धूप बारिश की बरकतें मांगे / शीन काफ़ निज़ाम

Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:33, 9 जनवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम |संग्रह=सायों के साए में / शीन का…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

धूप बारिश की बरकतें माँगे
रहमतों की रिवायतें माँगे

ख़्वाब करने को खिल्वतें माँगे
अहदे माज़ी की बरकतें माँगे

गर्म रातों से राहतें माँगे
शहर किस से खुली छतें माँगे

आँख आईना सूरतें माँगे
हैरतों जैसी हैरतें माँगे

देखिए तो सदा के सहरा से
कान क़ुरआँ की किरअतें माँगे

क़द्र के साथ घटते क़द हम से
ऊँची ऊँची इमारतें माँगे