भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पिता-6 / भास्कर चौधुरी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:27, 29 जनवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भास्कर चौधुरी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> मुझे लगता है प…)
मुझे लगता है
पिता पर
लिखी जा सकती है
लम्बी कविता
रामायण-महाभारत से लम्बी
पृथ्वी की परिधि से भी
आसमान से ऊँची...