भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दुखड़ा / प्रयाग शुक्ल

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:54, 3 फ़रवरी 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक शब्द बहुत दिनों बाद
याद आया-’दुखड़ा’
वह भूल चुका हूँ.
लेकिन अक्सर रगों में
वह आता है दु:ख-सा.