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ओ पालन हरे ......

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ओ पालनहारे, निर्गुण और न्यारे

तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं....


हमरी उलझन सुलझाओ भगवन

तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं....


तुम्ही हमका हो संभाले

तुम्ही हमरे रखवाले


तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं...


चन्दा मैं तुम ही तो भरे हो चांदनी

सूरज मैं उजाला तुम ही से

यह गगन हैं मगन, तुम ही तो दिए इसे तारे

भगवन, यह जीवन तुम ही न सवारोगे

तो क्या कोई सवारे


ओ पालनहारे ......


जो सुनो तो कहे प्रभुजी हमरी है विनती

दुखी जन को धीरज दो

हारे नही वो कभी दुखसे

तुम निर्बल को रक्षा दो

रहें पाए निर्बल सुख से

भक्ति दो शक्ति दो


जग के जो स्वामी हो, इतनी तो अरज सुनो

हैं पथ मैं अंधियारे

देदो वरदान मैं उजियारे


ओ पालन हरे ......