हर्फ़ में जब तसव्वुर उतर जाएँगे ।
गीत तेरे उसी दिन सँवर जाएँगे ।।
अपने दामन में भरने समंदर चलो
वक़्त साहिल पे सारे गुज़र जाएँगे।।
मन से कोई तरन्नुम अगर छेड़ दो
ज्वारभाटे दिलों में उतर जाएँगे।।
खुलकर अकेले में जब भी हँसोगे
अश्क सारे ग़मों के बिखर जाएँगे!!
अंग में अंग भर के कोई चूम ले
ज़िस्म के पोर सारे सिहर जाएँगे ।।
लाख करले हिफ़ाजत मगर ऐ ’प्रभात’
वक़्त आएँगे जिनके वो मर जाएँगे ।।