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पुलिस फिरौती मांगे रे मितवा / रवीन्द्र प्रभात

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पुलिस फिरौती मांगे मितवा,
शहर घिनौना लागे मितवा !


सुते पहरुआ,चोर -उचक्का -
रात -रात भर जागे मितवा !


गणिका बांचे काम, पतुरिया -
पीछे -पीछे भागे मितवा !


दुर्जन मदिरा पान में पीछे -
संत -मौलवी आगे मितवा !


कहे "प्रभात" सुनो भाई जनता -
भूखे लोग अभागे मितवा !!