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रिम झिम रिम झिम / १९४२ ऐ लव स्टोरी

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रिम झिम रिम झिम रुम झुम रुम झुम
भीगी भीगी रुत में तुम हम हम तुम
चलते हैं चलते हैं

बजता है जलतरंग टीन की छत पे जब
मोतियों जैसा जल बरसे
बूँदों की ये झड़ी लाई है वो घड़ी
जिसके लिये हम तरसे

बादल की चादरें ओढ़े हैं वादीयां
सारी दिशाऐं सोई हैं
सपनों के गावों में भीगी सी छाँव में
दो आत्माएं खोई हैं

आई हैं देखने झीलों के आइने
बालों को खोले घटाएं
राहें धुआँ धुआँ जाएंगे हम कहाँ
आओ यहीं रह जाएं