भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँ / फ़राज़
Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:23, 19 फ़रवरी 2010 का अवतरण (इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ / फ़राज़ का नाम बदलकर इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँ / फ़राज़ कर दिया गया है:)
इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँ
क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ
तू भी हीरे से बन गया पत्थर
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ
हम भी मजबूरियों का उज़्र करें
फिर कहीं और मुब्तिला हो जाएँ
अब के गर तू मिले तो हम तुझसे
ऐसे लिपटें तेरी क़बा<ref>चोली
</ref> हो जाएँ
बंदगी हमने छोड़ दी फ़राज़
क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ
शब्दार्थ
<references/>