भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बंदिनी / ओ पंछी प्यारे सांझ सखारे

Kavita Kosh से
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:10, 22 फ़रवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKFilmSongCategories |वर्ग=अन्य गीत }} {{KKFilmRachna |रचनाकार=?? }} <poem>ओ पंछी प्यारे सां…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: ??                 

ओ पंछी प्यारे सांझ सखा रे
बोले तू कौन सी बोली बता रे
 
मैं तो पंछी पिंजरे की मैना
पँख मेरे बेकार
बीच हमारे सात रे सागर
कैसे चलूँ उस पार
ओ पंछी प्यारे ...

फागुन महीना फूली बगिया
आम झरे अमराई
मैं खिड़की से चुप चुप देखूँ
ऋतु बसंत की आई