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तुम्हारे हैं तुमसे दया माँगते हैं / शैलेन्द्र

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जोगी जबसे तू आया मेरे दवारे
मेरे रँग गए सांझ सखारे
तू तो अँखियों में जाने जी की बतियाँ
तौसे मिलना ही ज़ुल्म भया रे
ओ जोगी जबसे ...

देखी साँवली सूरत ये नैना जुड़ाए
तेरी छबी देखी जबसे रे नैना जुड़ाए
भए बिन कजरा ये कजरारे

जाके पनघट पे बैठूँ मैं, राधा दीवानी
बिन जल लिए चली आयूँ, राधा दीवानी
मोहे अजब ये रोग लगा रे
ओ जोगी जबसे तू ...

मीठी मीठी अगन ये, सह न सकूँगी
मैं तो छुई-मुई अबला रे, सह न सकूँगी
मेरे और निकट मत आ रे
ओ जोगी जबसे तू ...