भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अख़बारों में असर नहीं है / विनोद तिवारी

Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:06, 14 अप्रैल 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद तिवारी |संग्रह=सुबह आयेगी / विनोद तिवारी }} …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अख़बारों में असर नहीं‍ है
कोई अच्छी ख़बर नहीं है

शहर जुर्म का या मुजरिम का
‘भद्रलोक’ की गुज़र नहीं है

दुराचार की कथा-व्यथा से
एक अछूता नगर नहीं है

मंज़िल मिल पाए भी कैसे
सही दिशा में सफ़र नही‍ है

आज आदमी ज़हरीला है
अब साँपों में ज़हर नहीं है

पर दुर्दिन भी मिट जाएँगे
कोई भी तो अमर नहीं है