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आप भी जब बच्चे होंगे/ विनोद तिवारी
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आप भी जब बच्चे होंगे
जेबों में कंचे होंगे
गौहर तो वे पायेंगे
जो गहरे उतरे होंगे
दुनिया के ढब अजब-गजब
तुमने भी देखे होंगे
अंबर के सन्नाटे से
ही तूफ़ाँ उठते होंगे
सब मिलकर जो कहते हैं
तो सच ही कहते होंगे
हँसने वालों से पूछॊ
आप कभी रोए होंगे