Last modified on 18 अप्रैल 2010, at 18:56

दिल में सौ दर्द पाले बहन-बेटियाँ / ओमप्रकाश यती

डा० जगदीश व्योम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:56, 18 अप्रैल 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओमप्रकाश यती }} {{KKCatGhazal‎}}‎ <poem> दिल में सौ दर्द पाले ब…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


दिल में सौ दर्द पाले बहन–बेटियाँ

घर में बाँटें उजाले बहन–बेटियाँ


कामना एक मन में सहेजे हुए

जा रही हैं शिवाले बहन–बेटियाँ


ऐसी बातें कि पूरे सफ़र चुप रहीं

शर्म की शाल डाले बहन–बेटियाँ


हो रहीं शादियों के बहाने बहुत

भेड़ियों के हवाले बहन–बेटियाँ


गाँव–घर की निगाहों के दो रूप हैं

कोई कैसे सँभाले बहन–बेटियाँ