Last modified on 1 मई 2010, at 20:16

जो लिख चुका / भारत भूषण अग्रवाल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:16, 1 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारत भूषण अग्रवाल |संग्रह=उतना वह सूरज है / भारत …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जो लिख चुका
वह सब मिथ्या है
उसे मत गहो!
जो लिखा नहीं गया
घुमड़कर भीतर ही रहा
वही सच है
जो मैं देना चाहता हूँ!
लो, यह दे दिया
सूनी हवा की लहरों पर
दिये-सा सिराकर
तुम्हारा नाम!

रचनाकाल : 17 मार्च 1966