Last modified on 2 मई 2010, at 13:10

इस घर में / नवीन सागर

Pradeep Jilwane (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:10, 2 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवीन सागर |संग्रह=नींद से लम्‍बी रात / नवीन सागर…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

इस घर में घर से ज्‍यादा धुऑं
अंधेरे से ज्‍यादा अंधेरा
दीवार से बड़ी दरार.

इस घर में मलबा बहुत
जिसमें से सॉंस लेने की आवाज लगातार
आलों में लुप्‍त जिंदगियों का भान
चीजों में थकान.

इस घर में सब बेघर
इस घर में भटके हुए मेले
मकड़ी के जालों में लिपटे हुए
इस घर में
झुलसे हुए रंगों के धब्‍बे
सपनों की गर्द पर बच्‍चों की उंगलियों के निशान.

इस घर में नींद से बहुत लम्‍बी रात.