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कविताओं से पहले / दिनकर कुमार

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और मैं सोचा करता था
निहायत सरल शब्द
होंगे पर्याप्त ।
जब मैं कहूँ, क्या है
हरेक का दिल जरूर चिंथा-चिंथा होगा ।
कि तुम डूब जाओगे
अगर तुमने लोहा न लिया
यह तो तुम देख ही रहे हो ।
::- बेर्टोल्ट ब्रेष्ट