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करुणा बचाकर रखो / दिनकर कुमार

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करुणा बचाकर रखो
आपातकाल के लिए

अँग्रेज़ी पत्रिकाओं के चमकते
रंगीन पृष्ठों पर
लहूलुहान तस्वीरें
तुम्हें हिला नहीं सकतीं

रेंगते हुए
घिसटते हुए लोग और
उनकी चीख़ से
पिघलती नहीं
तुम्हारे भीतर संवेदना

इर्द-गिर्द की खामोशी
हताशा से झुलसे हुए चेहरे
तुम्हें सोचने के लिए
विवश नहीं कर सकते

बचाकर रखो करुणा
मुनाफ़े का सौदा करते वक़्त
किसी को
ग़ुलाम बनाते वक़्त
काम आएगी करुणा