भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उमर पी साँस साँस में चाह / सुमित्रानंदन पंत

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:49, 24 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत |संग्रह= मधुज्वाल / सुमित्रान…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उमर पी साँस साँस में चाह,
सतत कर हास विलास,
गले में डाल प्रिया की बाँह,
पान कर मुख उच्छ्वास!
सांत जीवन, अनंत सुख भोग,
सखे, क्षण क्षण अनमोल,
गँवा मत मधुर स्वर्ण संयोग,
अधर मधु पी जी खोल!