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उमर पी साँस साँस में चाह / सुमित्रानंदन पंत
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उमर पी साँस साँस में चाह,
सतत कर हास विलास,
गले में डाल प्रिया की बाँह,
पान कर मुख उच्छ्वास!
सांत जीवन, अनंत सुख भोग,
सखे, क्षण क्षण अनमोल,
गँवा मत मधुर स्वर्ण संयोग,
अधर मधु पी जी खोल!