Last modified on 28 मई 2010, at 18:15

यहाँ उमर के मदिरालय में / सुमित्रानंदन पंत

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:15, 28 मई 2010 का अवतरण ("यहाँ उमर के मदिरालय में / सुमित्रानंदन पंत" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

यहाँ उमर के मदिरालय में
कोई नहीं दुखी या दीन,
सब की इच्छा पूरी करती
सुरा, बना सबको स्वाधीन!
जब तक आशा श्वासा उर में
सखे, करो मदिराधर पान,
क्षण भर को भी रहे न मानस
जग की चिन्ता में तल्लीन!