भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दु:ख / मुकेश मानस

Kavita Kosh से
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:13, 4 जून 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna}} <poem> दु:ख दु:ख हर मौसम में होते हैं मौसम के बदलने से दु:ख नह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


दु:ख

दु:ख हर मौसम में होते हैं
मौसम के बदलने से
दु:ख नहीं बदलते
बदलने का
सिर्फ अहसास होता है
1986
<poem.