रात, दिन, बच्चा मैंने देखी है एक रात चौखट पर खड़ी उदास मैंने देखा है एक दिन खाली हाथ लौटता हुआ मैंने देखा है एक बच्चा ठंडे फर्श पर टांगे ओढ़ता मैंने पाया है खुद को बेबस और लाचार यूं ही उदास रहेगी रात खाली हाथ लौटेगा दिन बच्चा कँपकपा कर जम जाएगा 1990