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सुनो दोस्त / मुकेश मानस
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सुनो दोस्त
अपने-अपने दिलों को खोलें
प्यार के दो बोल बोलें
खुशगवार लमहों को
खोज-खोजकर लाएं
हंसे-मुस्कराएं,
साथ बैठकर गाएं
एक दूजे के दिल में उतर जाएं
रचनाकाल:1991