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नेताराम / मुकेश मानस

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खद्दर में छुप जाएगा
खूब हमारा नेताराम

जनता को भरमाएगा
खूब हमारा नेताराम

बार-बार कुर्सी पाएगा
खूब हमारा नेताराम

जनमत को झुठलाएगा
खूब हमारा नेताराम

रचनाकाल:1994