भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

म़ाटी रचे अनाम / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'

Kavita Kosh से
Dr.jagdishvyom (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 14:20, 14 अप्रैल 2007 का अवतरण (New page: रचनाकार: ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग' Category:ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग' [[Category:...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~


म़ाटी रचे अनाम, कुम्हार तलाश करे

गंगाजली कि जाम, कुम्हार तलाश करे


इतने गढ़े स्वरूप, अरूप रहा फिर भी

मन का हुआ न काम, कुम्हार तलाश करे


चाकों चढ़ा, तपा तन, कुन्दन सा निखरा

फिर क्यों लगे न दाम़, कुम्हार तलाश करे


खुशियाँ सिमट गयीं क्यों एक सुराही में

दर्द हुआ क्यों आम, कुम्हार तलाश करे


तन का कलश लबालब चन्दन से, फिर क्यों

मन से गई न घाम, क़ुम्हार तलाश करे