भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्रयास / अवनीश सिंह चौहान
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:42, 30 जून 2010 का अवतरण (प्रयास /अवनीश सिंह चौहान का नाम बदलकर प्रयास / अवनीश सिंह चौहान कर दिया गया है)
मेरा प्रयास बन नदिया
जग में सदा बहूँ मैं
चल सकूँ उस राह पर भी
जो सूखकर पथरा गई हो
चट्टान को भी तोड़ दूँ
जो रास्ते में आ गई हो
धीर धरे मन जोश भरे
अपनी राह गहूँ मैं
थके हुए हर प्यासे को
चलकर अपना मन दूँ, जल दूँ
टूटे-सूखे पौधों को
हरा-भरा नव-जीवन-दल दूँ
हर विपदा में, चिन्ता में
सबके साथ रहूँ मैं
आ खूब नहाएँ चिड़िया-
बच्चे, माँझी नाव चलाएँ
ले जाएँ घर-क्यारी में
अपनी फसलों को नहलाएँ
आऊँ काम सभी के बस
प्रभु से यही कहूँ मैं