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खबर करना मुझे / सांवर दइया
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Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:56, 1 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>मां रसोई में व्यस्त है अपनी सम्पूर्ण झ…)
मां रसोई में व्यस्त है
अपनी सम्पूर्ण झुंझलाहट और खीज के साथ
सब्जी भून रही है
और भुनभुना रही है
जिस दिन यह
गुनगुनाते हुए खाना परोसे
खबर करना मुझे
पिता दफ़्तर में व्यस्त हैं
अपनी सम्पूर्ण ऊब और उदासी के साथ
फ़ाईल के पन्ने फड़फड़ा रहे हैं
वे निरंतर बड़बड़ा रहे हैं
जिस दिन