डा० मनोज श्रीवास्तव
पिता: श्री एल.पी. श्रीवास्तव माता: (स्वर्गीया) श्रीमती विद्या श्रीवास्तव जन्म-स्थान: वाराणसी, (उ.प्र.) शिक्षा: जौनपुर, बलिया और वाराणसी से (कतिपय अपरिहार्य कारणों से प्रारम्भिक शिक्षा से वंचित रहा) १) मिडिल हाई स्कूल--जौनपुर से २) हाई स्कूल, इंटर मीडिएट और स्नातक बलिया से ३) स्नातकोत्तर और पीएच.डी. (अंग्रेज़ी साहित्य में) काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पीएच.डी. का विषय: यूजीन ओ' नील्स प्लेज: अ स्टडी इन दि ओरिएंटल स्ट्रेन
लिखी गईं पुस्तकें: 1-पगडंडियां (काव्य संग्रह), वर्ष २०००; नॅशनल पब्लिशिंग हाउस, न.दि.; हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा चुनी गई श्रेष्ठ पाण्डुलिपि; 2-अक्ल का फलसफा (व्यंग्य संग्रह), वर्ष २००४; साहित्य प्रकाशन, दिल्ली; 3-चाहता हूँ पागल भीड़ (काव्य संग्रह), विद्याश्री पब्लिकेशंस, वाराणसी, वर्ष २००६, न.दि.; हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा चुनी गई श्रेष्ठ पाण्डुलिपि; 4-धर्मचक्र राजचक्र, (कहानी संग्रह), वर्ष २००८, नमन प्रकाशन, न.दि. ; 5-पगली का इन्कलाब (कहानी संग्रह), वर्ष २००९, पाण्डुलिपि प्रकाशन, न.दि.; 5-परकटी कविताओं की उड़ान (काव्य संग्रह), अप्रकाशित;