Last modified on 4 जुलाई 2010, at 20:24

नि:शब्द की काया में / गोबिन्द प्रसाद

Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:24, 4 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद |संग्रह=मैं नहीं था लिखते समय / ग…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


दु:ख
झर रहा है
शब्द की माया में

धर रहा है
अपने को वह रूप
नि:शब्द की काया में

गीत में
भटक कर बार-बार
उतर रहा है
एक अतिन्द्रीय
पहचान से परे; बेआबाज़
पर-छाया में