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आमंत्रण / मनोज श्रीवास्तव

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आमंत्रण

एक गंवई
गाँव कोसने आए
लल्लू टाई वाले के
आमंत्रण पर,
उछल-उछल
दौड़-दौड़
पगड़ी उतार
आवाज़ दे रहा है--
मैं आ रहा हूँ
आ ही रहा हूँ
बस, आ ही रहा हूँ.