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खेलों से आगे बढ़ आया / त्रिलोचन

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धनुष-बाण लेकर
क्या करूँगा
रक्खो
रक्खो इन को
नाटक में
वेशधारियों के काम आएँगे
जीवन इन खेलों से
आगे बढ़ आया है

अब धनुष चढ़ाने का
कोई महत्त्व नहीं

यों ही

मत्स्यवेध करने में
कोई तत्त्व नहीं