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बुल्ले शाह-सी यारी रखता हूँ / राजेश चड्ढा

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बुल्ले शाह-सी यारी रखता हूँ
नानक खुमारी रखता हूँ

मीरा के तन मन कृष्ण मैं
सूरत तुम्हारी रखता हूँ

अपना फ़रीदी वेश है
दरवेश दारी रखता हूँ

चादर कबीरी जस की तस
ख़ातिर तुम्हारी रखता हूँ

ईसा-सी माफ़ी दे सकूँ
कोशिश ये जारी रखता हूँ